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Hindi Diwas Celebration at Faculty of Education

“हिंदी है हम” कार्यक्रम का आयोजन

आज दिनांक 13 सितंबर 2023 को फैकल्टी ऑफ एजुकेशन  की ओर से  हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर "हिंदी है हम" कार्यक्रम का  आयोजन किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय में गतिशील बी.एड.एम.एड.बीएससी-बीएड, बी एल एड एवं बी.ए.-बी.एड के छात्र छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया ।इस अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन स्थल फैकल्टी ऑफ एजुकेशन  का बहुउद्देशीय हाल रहा।

कार्यक्रम का शुभारंभ  मुख्य अतिथि प्रोफेसर एमपी सिंह सरडीन स्टूडेंट वेलफेयरप्रो० रश्मि मेहरोत्राप्राचार्य फैकल्टी ऑफ़ एजुकेशनडॉ विनोद कुमार जैन विभागाध्यक्ष  (बीएससी- बीएड)डॉ. अशोक कुमार लखेरा विभागाध्यक्ष (बीए-बीएड) श्रीमान दीपक मलिक,सहायक सचिव शिक्षा संकाय,तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटीएवं समस्त संकाय सदस्यों के द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर एवं पुष्प अर्पित कर किया गया।  कार्यक्रम का  समन्वयन डॉ सुगन्धा जैन एवं सह समन्वयं डॉ शेफाली जैन एवं श्रीमती शिवांगी रानी  ने किया ।  कार्यक्रम का संचालन अतेन्द्र झा एवं शैरोन संजय  ने किया। इसके पश्चात हिंदी है हम कार्यक्रम के अंतर्गत अनेका -अनेक छात्र-छात्राओं ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति गीत,नृत्य,भाषण एवं नाटक आदि के माध्यम से की। समृधि सिंह ने अपने गाने से कार्यक्रम में समां बांध दिया वही जोया खान मानसी सैनी वंशिका सिंह एवं शशांक ने अपने नाटक से सबको लोट पोट कर दिया,एम एड प्रथम वर्ष के छात्र अमन सक्सेना ने अपनी सुन्दर कविता प्रस्तुत की एमएड से दिव्यांगना शर्माशुभि जैनबीएड से हरवीर सिंहहेमा जयसवालशिखा मिश्रा, बीएससी-बीएड से अंशिका पाठकस्वधा कुमारीश्रुति पांडेआयुषी चौधरीअसिन अग्रवालप्रियांशीद्रक्षाकिसासपना सैनी एवं जीनत परवीन प्रतिभाग किया।

इसके उपरांत डॉ विनोद कुमार जैन एचओडी बीएससी-बीएड ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा की हमें इस वर्ष की थीम  के अनुसार अपनी भाषा हिंदी को बढ़ावा देते हुए उसे कृत्रिम ज्ञान के साथ जोड़ना चाहिए अर्थात् हमारी संस्कृति के पारंपरिक ज्ञान को अन्य संस्कृतियों के साथ जोड़कर आगे बढ़ावा देना चाहिए। जिससे कि हम अपने आगे आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति इसके उपरांत डॉ विनोद कुमार जैन एचओडी बीएससी-बीएड ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा की हमें इस वर्ष की थीम  के अनुसार अपनी भाषा हिंदी को बढ़ावा देते हुए उसे कृत्रिम ज्ञान के साथ जोड़ना चाहिए अर्थात् हमारी संस्कृति के पारंपरिक ज्ञान को अन्य संस्कृतियों के साथ जोड़कर आगे बढ़ावा देना चाहिए। जिससे कि हम अपने आगे आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति , सभ्यता और अपनी भाषा के सौंदर्य का हस्तांतरण करने में सक्षम हो सकें। इसके पश्चात् प्रो० रश्मि मल्होत्रा प्राचार्या फैकेल्टी आफ एजुकेशनने कहा कि हमारी भाषा हमारी संस्कृति और सभ्यता की परिचायक है। हमें आज यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपने वक्तव्य में अंग्रेजी भाषा के शब्दों का कम से कम प्रयोग करें। हमें स्वयं से हिंदी भाषा के प्रचार और प्रचार को बढ़ावा देना चाहिए। इसके बाद प्रो० एमपी सिंह डीन स्टूडेंट वेलफेयर ने बच्चों को हिंदी दिवस पर संबोधित करते हुए कहा की हिंदी को बढ़ावा देने का सबसे सशक्त माध्यम यह है कि हमें अपने हस्ताक्षर हिंदी में करने चाहिए और उन्होंने सभागार में उपस्थित हिंदी में हस्ताक्षर करने वाले संकाय सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं को भी प्रोत्साहित किया। 

इसी के उपरांत उन्होंने फैकेल्टी आफ एजुकेशन की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुगंधा जैन के द्वारा लिखी गई उनकी पुस्तक "संस्कृत कथा साहित्य की गौरवशाली परंपरा" का विमोचन करते हुए  कहां कि फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की ओर से लेखन की दिशा में  विभिन्न संकाय सदस्यों के द्वारा अब तक विभिन्न पुस्तकों का लेखन और संपादन हो चुका है। उन्होंने इस कार्य के लिए अपने संपूर्ण फैकल्टी मेंबर्स की  भूरी भूरी प्रशंसा की।   इसके पश्चात डॉ अशोक कुमार लखेरा विभागाध्यक्ष बीए-बीएड  ने सभी का आभार अभिव्यक्त करते हुए कहा कि हमारी हिंदी भाषा हमारे व्यक्तित्व का प्राण है। जिसके माध्यम से हम अपने समाज मेंराष्ट्र में और विश्व में उत्थान को प्राप्त करते हैं। अतः हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करने वाली हमारी भाषा हमारे लिए सम्माननीय एवं पूजनीय है। उनके वक्तव्य के साथ कार्यक्रम का शुभ  समापन हुआ। कार्यक्रम में फैकेल्टी आफ एजुकेशन के समस्त संकाय सदस्य डॉ नाहिद बी, डॉ पावस कुमार मंडल डॉ सुनील कुमार पांडे डॉ अर्पित त्रिपाठी डॉ हर्षवर्धन श्रीमान राहुल डॉ जीवितेश राजपूत श्रीमती रचना सक्सेना श्रीमान विनय कुमार श्रीमान धर्मेंद्र सिंह श्रीमती पायल शर्मा डॉ मुक्ता गुप्ता डॉ रवि प्रकाश सिंह श्रीमान महेश कुमार रुबी शर्मा नितिन कंसल आदि सभी उपस्थित रहे I

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